421 total views
क्या आधी अधूरी व्यवस्था के साथ होगी दरगाह साबिर पाक के सालाना उर्स की मुख्य रस्म अदा।
ब्यरो रिपोर्ट: 24 पब्लिक न्यूज़
कलियर दरगाह साबिर पाक के 753 वे सालाना उर्स को लेकर प्रशासन तैयारियां पूर्ण करने के भले ही लाख दावे कर रहा हो लेकिन हकीकत कुछ और ही है बया कर्रही है। चांद की 9 तारीख होने के बाद भी अभी तक हर वर्ष की भांति जो दरगाह में जियारत करने के लिए जायरीन दरगाह में जाते है उनके लिए बल्लीया लगाकर लाइन लगाने का की व्यवस्था की जाती थी जो अभी तक नहीं हो पाई।आपको बतादे कि उर्स की मुख्य रस्म अदा करने के मात्र दो दिन ही बाकी है क्योंकि दरगाह साबिर पाक की मुख्य रसम 10,11,12 रबी उल अव्वल को मनाई जाती है जिस्मे जायरिनो की ज्यादा भीड़ होती है जिसे लेकर शासन-प्रशासन सीरियस नजर नहीं आ रहा है। क्योंकि संधिगत व्यक्तियों पर नजर रखने के लिए अभी तक ना तो वोच टावर बने है।वह जो हर वर्ष रुड़की रोड़ पर जायरिनो की सुविधा के लिए लाईटे लगाई जाती थी न वो अभी तक लगी है। और नही अभी तक जायरिनो के लिए खोया पाया केंद्र बना है जिस्से जायरीन अपने बिछड़े साथी से मिल सके। क्या दरगाह प्रबंधन तंत्र इस बार दरगाह साबिर पाक के सालाना उर्स में कोई दिलचस्पी दिखा रहा है। क्योंकि इस लचर व्यवस्था के साथ उर्स की मुख्य रस्म अदा की जाएगी हो सकता है जायरिनो की तादाद बढ़ जाए और उस वक्त प्रशासन के हाथ में कुछ नहीं रहेगा क्योंकि जायरिनो की तादाद बढ़ने पर व्यवस्था चरमरा जाएगी जो हर साल चांद दीखने की एक तारीख से लेकर पांच तारीख तक सभी व्यवस्था कर ली जाती थी लेकिन इस वर्ष अभी तक उर्स की तैयारियां पूर्ण नहीं हो पाई है।