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संकट के सिपाही कैंसर पीड़ित पिता कोरोना संक्रमित हुए, फिर भी कर्तव्य से पीछे नहीं हटे डीएम
संवाददाता:अजीत कुमार 24 पब्लिक न्यूज़
जौनपुर। कोरोना की दूसरी लहर में कुछ कर्मयोगी ऐसे रहे, जो अपनों की चिंता छोड़कर पूरी शिद्दत से कर्तव्य पथ पर डटे रहे। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के डीएम मनीष कुमार वर्मा भी उनमें से एक हैं। कैंसर से पीड़ित पिता और मासूम बच्चों से दूरी बनाते हुए उन्होंने कोविड काल में अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाई।
कोरोना संक्रमण का असर अब कम पड़ने लगा है। ऑक्सीजन-बेड के लिए अब मारामारी नहीं है। मौत का आंकड़ा थम गया है। एक्टिव केस भी घटे हैं। रिकवरी रेट 95 फीसदी से अधिक हो चुकी है। इससे ठीक एक माह पहले हालात विकट थे। हर कोई डरा-सहमा था। महामारी कब-किसे ग्रास बना लेगी, इसकी चिंता सबके चेहरे पर थी। इस विपरीत हालात में भी कुछ कर्मयोगी ऐसे रहे, जो अपनों की चिंता छोड़कर पूरी शिद्दत से कर्तव्य पथ पर डटे रहे। उनके प्रयासों की ही देन है कि आज हालात काबू में हैं। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के डीएम मनीष कुमार वर्मा भी उनमें से एक हैं। कैंसर से पीड़ित पिता और मासूम बच्चों से दूरी बनाते हुए उन्होंने कोविड काल में अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाई। न सिर्फ दूसरी लहर को नियंत्रित किया, बल्कि तीसरी लहर से निपटने के लिए भी स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाया है। दूसरी लहर से पहले जौनपुर जिले में बेड और ऑक्सीजन की उपलब्धता सीमित थी। मंडल में जौनपुर वह जिला था, जहां पंचायत चुनाव सबसे पहले थे। ठीक इसी वक्त कोरोना के मामले भी तेजी से बढ़े। दोहरी चुनौतियों से जूझते डीएम दिन-रात दौड़-भाग करते रहे। इस बीच कैंसर से पीड़ित पिता भी संक्रमित हो गए। दिन भर गांव-गांव घूमना, संभावित मरीजों के बीच जाना और फिर घर आकर परिवार की देखभाल करना चुनौतीपूर्ण हो गया था।