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दरगाह प्रबंधन तंत्र की लापरवाही से दरगाह को होरहा है लखो का नुकसान
ब्यूरो रिपोर्ट: 24 पब्लिक न्यूज़
कलियर दरगाह साबिर पाक के सालाना ठेकों की अवधि समाप्त होने के बाद कुछ दुकानों पर दरगाह कर्मचारी तैनात किए गए है जोकि दरगाह की दुकानों पर प्रसाद चादर वगैरा विक्रय कर रहे हैं । लेकिन इन दरगाह की दुकानों पर दरगाह कर्मचारी कम ठेकेदारो के लोग ज्यादा नजर आते हैं जिससे दरगाह को लाखों रुपय का नुकसान हो रहा है। अब इसे दरगाह प्रबंधक वह सुपरवाइजर दरगाह कर्मचारियों की ठेकेदारो के लोगों से मिली भगत कहे या कुछ और इसकी जानकारी तो दरगाह प्रबंधन तंत्र को ही होगी लेकिन अगर देखा जाए दरगाह के ठेकों की दुकानों पर बाहरी लोग ज्यादा प्रसाद विक्रय करते नजर आते हैं दरगाह कर्मचारी तो सिर्फ एक या दो ही देखे जा सकते हैं।दरगाह की दुकानों पर ठेकेदारों के लोग ज्यादा नजर आते हैं अब जो दुकान लाखों रुपए प्रडे के हिसाब से ठेके पर दी जाती थी उससे कितनी आमदनी हो रही है इसका शायद रिकॉर्ड दरगाह प्रबंधक के पास हो या नहीं इसकी जानकारी लेने के लिए अगर दरगाह प्रबंधन को कॉल किया जाता है तो मास्टर जी ठेकेदारों के साथ इतने व्यस्त रहते हैं की मास्टर के पास फोन तक उठाने का टाइम नही है अब यह कहना तो सही ना होगा की इन लाखों रुपय प्रडे पर जाने वाली दुकान से दरगाह प्रबंधन कितने रुपए की आमदनी दिखा रहे हैं या कोई ठेकेदारों से मिलकर गोलमाल किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो दरगाह प्रबंधन तंत्र की मिलीभगत से ही ठेकेदारों के लोग इन बड़ी मुनाफे वाली दुकानों पर ठेकेदारों के लोग बैठे नजर आते हैं जोकि जायरिनो से पैसा लेकर अपनी जेबों में डालते हैं। और दरगह दफ्तर में कुछ आमदनी चढ़वाकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं लेकिन दरगाह को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है ओर कुछ ठेको पर तो खुलेआम ठेकेदार बैठे है अगर उनसे बात की जाए तो वह कहते हैं की हमने यह ठीके डेली बेस पर ले रखे हैं लेकिन इसकी जानकारी देने के लिए मास्टर जी के पास टाइम ही नहीं है।