381 total views
मेहंदी डोरी की रस्म के साथ होगा उर्स का आगाज़,चाँद दिखाई देने पर अदा होगी मेंहदी डोरी की रस्म
ब्यूरो रिपोर्ट:24 पब्लिक न्यूज़
रुड़की। विश्व प्रसिद्ध पिरान कलियर दरगाह साबिर पाक के सज्जादानशीन परिवार के सदस्य शाह खालिक मिया ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि हज़रत साबिर पाक का 753 वा सालाना उर्स रबीउल अव्वल का चांद दिखाई देने के बाद मेहंदी डोरी की रस्म के अदा होने के साथ आगाज़ हो जाएगा। हजरत साबिर पाक के सालाना उर्स की रस्म मेहंदी डोरी की शुरुआत शाह अब्दुल रहीम साबरी कुद्दुसी के जमाने से चली आ रही है। आज भी मेहंदी डोरी की रस्म को दरगाह साबिर पाक के मौजूदा सज्जादानशीन और उनके परिवार के सदस्य अंजाम देते आ रहे है। मेहंदी डोरी की रस्म रबीउल अव्वल का चाँद दिखाई देने पर ईशा की नमाज के बाद सज्जादानशीन जायरीनों सूफी संतों एव बस्ती के लोगो के साथ नंगे पांव दरगाह साबिर पाक से अपने कदीमी(पुराने)घर रवाना होते है। जो आज के दौर में शाह नन्हे मिया साबरी कुद्दुसी मरहूम के घर के नाम से जाना जाता है। मेहंदी डोरी की रस्म से पहले फातिहा ख्वानी की जाती है। मेहंदी डोरी व अन्य सामग्री का इंतजाम साहिब्ज़ादा शाह खालिक मिया साबरी द्वारा किया जाता है। खालिक मिया ने बताया कि मेहंदी डोरी,उप्टन कुँवारी लडकिया तैयार करती है। मेहंदी डोरी की रस्म अदा करने के लिए दरगाह सज्जादानशीन जायरीन सूफी संत एव बस्ती के लोग शाह ख़ालिक़ मियां के घर से ये तमाम सामग्री लेकर सूफियाना कलाम पढ़ते हुए दरगाह साबिर पाक के लिए रवाना होते है। दरगाह साबिर पाक में मेहदी डोरी संदल उपटन सज्जादानशीन पेश करते है। संदल उपटन मेहंदी डोरी साबिर पाक के आस्ताने पर पैश करने के बाद रस्म मैं मौजूद हज़ारो जायरीनों को मेहंदी डोरी सज्जादानशीन द्वारा प्रसाद के तौर पर वितरित किया जाता है।