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तथाकथित पत्रकारों की बढ़ने लगी मुश्किले,सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने शुरू किया यह कार्य
ब्यूरो रिपोर्ट: 24 पब्लिक न्यूज़
लखनऊ। अतीक अशरफ अहमद हत्याकांड के बाद से सूचना एंव जनसंपर्क विभाग हरकत में आ गया हैं लगातार पत्रकारों की संख्या बढ़ती जा रही थी जिसे सही और गलत पत्रकारों को पहचाने में काफी परेशानी हो रहीं थीं। कुछ तथाकथित पत्रकार अपने आपको पत्रकार बताकर फील्ड में घूमकर अवैध वसूली भी कर रहे हैं और कुछ पत्रकारिता की आड़ में गलत कार्य को अंजाम दे रहे हैं। तथाकथित पत्रकारों की शिकायत लगातार सूचना विभाग को मिल रही थी जिसके चलते सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने पत्रकारों को यूपी में हो रहे निकाय चुनाव के लिए पास देने में सख्त नजर आ रहा है। इसका नजारा जिला सूचना कार्यालय पर देखने को मिला फेसबुक किया और यूट्यूब वाले तथाकथित पत्रकारों को आज असली चेहरा देखने को मिल रहा है।शासनादेश के अनुसार फेसबुक में यूट्यूब पर जो अपने आप को पत्रकार बताते हैं। धीरे-धीरे यह बात अब साफ हो रही है कि वह पत्रकार नहीं तथाकथित पत्रकार हैं निकाय चुनाव में जो पत्रकार पास पत्रकारों को जारी किया जा रहा है, उसमें से इन तथाकथित पत्रकारों को बाहर कर दिया गया है। लेकिन हालात के मारे यह तथाकथित पत्रकार किसी भी तरह जुगाड़ लगाकर निकाय चुनाव में खबर करने के नाम पर पास लेने के लिए भीड़ तथाकथित पत्रकारों की अब खैर नहीं केवल साफ छवि के ही लोग कर सकेंगे पत्रकारिता अब असली चेहरा और नकली पत्रकारों का चेहरा आज खुलकर सामने आ गया। जिले के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने इन फेसबुक किया और यूट्यूब पर तथाकथित पत्रकारों को बाहर का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया है। इस बात से यह प्रतीत होता है कि अधिकारियों एवं थानों में जाकर अपने आप को पत्रकार बता कर रुतबा चढ़ने वालों की अब खैर नहीं। बिना डिग्री हाईस्कूल फेल जो अपने आप को और अपने नाम है। गाड़ियों के आगे बड़ी-बड़ी संपादकीय ब्यूरो चीफ की प्लेट लगाकर घूमते हैं। पत्रकार जैसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ के बीच किस श्रेणी में अपना नाम अंकित कराते थे। अब उनके लिए बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है चर्चा है कि निकाय चुनाव समाप्त होने के बाद इन तथाकथित पत्रकारों की जांच भी शुरू हो जाएगी। इसका कारण है कि अतीत अशरफ अहमफ हत्याकांड के बाद पत्रकारों के लिए सरकार चिंतित नज़र आ रही है। जिसके चलते यूपी और उत्तराखंड में भी पत्रकारों की सत्यापन की प्रक्रिया शुरू कर दी हैं जिससे पता लगाया जा सके कि कौन सही पत्रकार है और कौन तथाकथित पत्रकार हैं। जांच के बाद तथकथित पत्रकारों पर कार्यवाही कर अंकुश लगया जा सके। यह बात भी सामने आ रही है कि सभी पत्रकारों को खुफिया रिपोर्ट तैयार की जा रही है जो कभी किसी केश में वंचित है उनको भी चिन्हित किया जा रहा है। निकाय चुनाव के बाद यहां सभी पत्रकारों का सत्यापन होगा साथ में ही उनकी रिपोर्ट भी एक लगेगी। साथ ही उनकी जांच खुफिया एजेंसी द्वारा कराई जाएंगी।अब केवल साफ छवि के और इमानदार लोग ही पत्रकारिता कर सकेंगे सूचना एवं जनसंपर्क ने इस योजना पर तेजी से कार्य प्रारंभ कर दिया है।