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साबरी बड़ा लंगर बनाने के प्रशासन ने दिए आदेश,ए एस डी एम के आस्वासन पर सूफी संतों ने किया धरना समाप्त।
ब्यूरो रिपोर्ट: 24 पब्लिक न्यूज़
कलियर।दरगाह साबिर पाक के 753 वे उर्स के मौके पर कलियर के सूफी संत साबरी बड़े लंगर को लेकर धरने पर बैठे उनका कहना था कि हर वर्ष चाँद की सात तारीख से साबरी बड़ा लंगर उठने लगता था लेकिन इस साल अभी तक साबरी बड़ा लंगर नही बना है और नही सूफी संतों के धुनों पर पहुचा।आपको बतादे की यह विवाद सूफी संतों वह प्रशासन के बीच कई दिनों से चल रहा है।जिसमे दो दिन पहले कलियर विधायक फुरकान अहमद ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की से फोन पर वार्ता की थी और एसडीएम रुड़की ने विधायक फुरकान अहमद को आस्वासन दिया गया था कि बड़ा लंगर जल्द चालू करादिया जएगा लेकिन दो दिन के बाद जब बड़ा लंगर नहीं बना तो सूफी संतों में आक्रोश पनप गया और वह कलियर दरगाह दफ्तर के सामने धरने पर बैठ गए।और बड़ा लंगर बनाने की मांग करने लगे तो वही विधायक फुरकान अहमद भी मौके पर पहुंचे और सूफी संतों के साथ वह भी धरने पर बैठ गए। अब सवाल यह है क्या बीजेपी सरकार में कांग्रेसी मौजूदा विधायक कि भी नहीं सुनते अधिकारी जो विधायक फुरकान अहमद को सूफी संतों कि मांग मनवाने के लिए धरने पर बैठना पड़ा। तब जाकर प्रशासन ने सूफी संतों की बड़े लंगर की मांग को स्वीकार किया। और सूफी संतों के चलरहे धरने को ए एस डी एम विजय नाथ सिंह सुकला ने सूफी संतों से वार्ता कर बाबाओ को आस्वासन दिया कि बड़ा लंगर सूफी संतों के धुनों पर ही पहुंचेगा जब जाकर धरना समाप्त किया।कुछ सूफी संतों का कहना है कि दरगाह की वर्षा पुरानी परम्परा को दरगाह कर्मचारी राजनीति के तहत प्रशासन को गुमराह कर रहे है।सूफी संतों ने बताया कि हर साल साबरी बड़ा लंगर सूफी संतों के धुने पर पहुचता था लेकिन इस वर्ष बड़े लंगर को रोक दिया गया था इस लिए सूफी संत धरना देने को मजबूर होगये थे और धरना देना पड़ा।