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परिवहन निगम को लगा चारधाम यात्रा स्थगित होने से बड़ा झटका,आर्थिक संकट से पहले ही जूझ रहा है परिवहन निगम
रिपोर्टर: प्रियांशु सक्सेना 24 पब्लिक न्यूज़
देहरादून। उत्तराखंड राज्य में चारधाम यात्रा को स्थगित करने का फैसला परिवहन निगम के लिए एक बड़े झटके के रूप में सामने आया है। पहले ही आर्थिक तंगी से जूझ रहा निगम चारधाम यात्रा से कुछ आय होने की उम्मीद लगाए हुए था, लेकिन अब यह भी टूट गई है। उत्तराखंड में परिवहन निगम बीते कुछ वर्षों से लगातार आर्थिक संकट से जूझ रहा है। कोरोना काल में तो निगम की बसों का संचालन ही पूरी तरह ठप हो गया था। स्थिति यह बनी की निगम के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं बचे। यह स्थिति अभी भी बरकरार है। दरअसल, परिवहन निगम की आय का प्रमुख साधन बसों का संचालन है। इससे निगम कोरोना काल से पहले तक प्रतिदिन तकरीबन 1.75 करोड़ रुपये की आय प्राप्त कर रहा था। यानी, तकरीबन 52 करोड़ रुपये प्रतिमाह। निगम को कर्मचारियों के वेतन व अन्य खर्चों के लिए प्रतिमाह 30-35 करोड़ रुपये की आवश्यकता होती है। ऐसे में निगम को थोड़ी बचत हो रही थी और वह अपने पुराने देयकों को चुका रहा था। कोरोना काल के दौरान यह आय तकरीबन शून्य हो गई। लाकडाउन के चरणबद्ध तरीके से खुलने के बाद निगम की आय में भी धीरे-धीरे इजाफा होने लगा। यह आय कुछ समय पहले एक करोड़ रुपये तक पहुंच गई थी। कुंभ के दौरान कोरोना संक्रमण के तेजी पकडऩे से निगम को बहुत अधिक फायदा नहीं हुआ। इसके बाद सरकार ने बसों में आधी सवारी करने का फरमान जारी कर दिया। अब कोरोना संक्रमण बढऩे लगा है तो निगम की बसों में सवारी बेहद कम हो गई है। यह आय अब घटकर प्रतिदिन 50 लाख रुपये के आसपास आ गई है।