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जायरीनो के लिए बने जर्मन हेंगर में किया जा रहा एक शाम साबिर पाक के नाम प्रोग्राम,दरगाह के लाखों रुपयो को किया जा रहा कुर्दबुर्द वही क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से लेकर सज्जादा परिवार तक मोन।
ब्यूरो रिपोर्ट: 24 पब्लिक न्यूज़।
कलियर। पिरान कलियर में दरगाह साबिर पाक का 755 वां सालाना उर्स मेला चल रहा है। देश विदेश से हजारों की संख्या में ज़ायरीन उर्स मेले में शिरकत करने के लिए कलियर दरगाह पहुँचते है लेकिन इस बार उर्स मेले में दरगाह प्रशासन जायरीनों को सुख सुविधा देने में पूरी तरह फैल नजर आ रहा है। गौरतलब बात यह है कि उर्स मेले में दरगाह खर्च के नाम पर दरगाह प्रशासन नेबकरोड़ों की फाइल बनाकर दरगाह के पैसों को बंदरबंट करने में लगे हुए हैं। जायरीनो को सभी सुख सुविधा देने के लिए दरगाह वक्फ़ बोर्ड से हर साल करोड़ों रुपया खर्च किया जाता है। लेकिन इस बार लाखों रुपया खर्च कर जायरीनो की सुख सुविधा के लिए कई जर्मन हैंगर लगाए गए है जिस जर्मन हैंगर को जायरीनो के ठहरने के लिए बनाया गया है।उस जर्मन हैंगर में एक शाम साबिर पाक के नाम प्रोग्राम को भाजपाई मंच बना दिया गया है। दरगाह के लाखो रुपये खर्च कर बाहर से सिंगर बुलाकर वक़्फ़ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स और भाजपा नेता रात भर झूमते रहे। बाहर से आए ज़ायरीन जर्मन हैंगर के बाहर खड़े होकर रात भर सोने का इंतजार करते रहे। जिसमें दरगाह प्रबंधक से लेकर वक्फ़ बोर्ड सीईओ तक आँख बंद कर दरगाह का लाखो रुपया खर्च किया किया गया है।अब सवाल यह भी उठता है कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधि वह सज्जादा परिवार आखिर कहां सो रहा है।वही क्षेत्र के किसी भी जनप्रतिनिधि ने इसका अभी तक कोई विरोध नहीं किया है की दरगाह के लाखों रुपयो को चूना लगाकर अपने सवर्थ के लिए उड़ाया जा रहे है।वही सज्जादा परिवार का सदस्य ने भी इस प्रोग्राम में शिरकत करके यह दर्शा दिया है कि वह इसके विरोध में नहीं है बल्कि भाजपा नेताओं की सपोर्ट करने के लिए प्रोग्राम में शिरकत की है।वही आपको अवगत करा दे की अगर किसी को भी सूफियाना प्रोग्राम उर्स के दौरान करना होता है तो वह अपने टेंट वगैरा का सामान खुद अपनी जेब से लगवा कर कराते है।उसमें चाहे राजनेता हो या खुद जायरीन सभी इस खर्च को खुद अपनी जेब से ही वहन करते हैं ना की दरगाह के पैसों से यह टेंट वगैरा लगवाते। बल्कि सभी लाइट वगैरा का जो भी खर्च होता है वह भी खुद अपनी जेब से ही खर्च करते है।लेकिन भाजपा नेता वक्फ़ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स ने जर्मन हैंगर में दरगाह का लाखों रुपए खर्च करके एक शाम साबिर के नाम प्रोग्राम को राजनीतिक मंच बना दिया है।