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सज्जादानशीन बन्ने के बाद पहली मर्तबा महाराष्ट्रा पहुँचने पर ख़ानक़ाह बज़्मे तसल्लिया में बड़े जज़्बे व जोश के साथ किया खेर मक़दम
ब्यूरो रिपोर्ट:24 पब्लिक न्यूज़
रुड़की। सज्जादानशीन बन्ने के बाद पहली मर्तबा महाराष्ट्रा के भिवंडी निजामपुरा में ख़ानक़ाह बज़्मे तसल्लिया में पहुंचने पर हज़रत सुफियान बाबा साबरी ने बड़े जोश व जज़्बे के साथ हज़रत शाह अली मंज़र ऐजाज़ का खेर मक़दम किया दरगाह साबिर पाक के 17 वें सज्जादानशी हज़रत शाह मंसूर ऐजाज़ कुद्दुसी साबरी का मई माह में देहांत हो गया था उनके देहांत के बाद दरगाह साबिर पाक का 18 वां सज्जादानशीन हज़रत शाह अली मंज़र ऐजाज़ को नियुक्त किया गया था साबिर पाक का 753 वां सालाना उर्स सम्पन्न होने के बाद सज्जादानशीन शाह अली ऐजाज़ कुद्दुसी साबरी सिलसिले की ख़ानक़ाहों के दौरे पर हैं इस दौरान महाराष्ट्र के भिवंडी शहर में ख़ानक़ाह बज़्मे तसल्लिया में पहली मर्तबा साज्जादानशीं के रूप में पहुंचने पर हज़रत सुफियान बाबा ने उनका बड़े जज़्बे व जोश के साथ खेर मक़दम किया हज़रत सुफियान बाबा ने उनके गले मे फूल मालाएं डालने के बाद उनकी दस्तारबंदी की इसके बाद सुफियान बाबा के अनुयाइयों ने भी सज्जादानशीन के गले मे फूल मालाएं डालकर खैरमकदम किया इसके बाद ख़ानक़ाह बज़्मे तसल्लिया में महफ़िल-ए-समा का आयोजन किया गया इस दौरान दरगाह साबिर पाक के सज्जादानशीन शाह अली ऐजाज़ कुद्दुसी साबरी मसनद नशीन रहे बरैली से आये क़व्वाल जिशान फैज़ान ने महफ़िल-ए-समा में फ़ारसी कलाम पैश कर समा बांधे रखा महफ़िल-ए-समा सम्पन्न होने के बाद ख़ानक़ाह बज़्मे तस्सललिया के सज्जादानशीन हज़रत सुफियान बाबा ने देश के अमनो अमान के लिए दुआएँ मांगी इसके बाद लंगर-ए-साबिर पाक आम किया गया