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इस्लामी कैलेंडर के अनुसार हिजरी सवत 2 यानी624 इशवी में पहली बार ईद उल फितर मनाया गया,आपसी सौहार्द, मदद का पैगाम है ईद
संवाददाता: नासिर हुसैन 24 पब्लिक न्यूज़
ईद का त्योहार सबको साथ लेकर चलने के लिए जाना जाता है।
उक्त बातें सैंयद नबील हैदर ने आज अर्दली बाजार में एक जलसे को खिताब करते हुए कही। उन्होंने कहा कि ईद पर हर मुसलमान एक साथ नमाज़ पढ़ते हैं और एक दूसरे को गले लगाते हैं। इस्लाम में जकात एक अहम पहलू है जिसमें हर मुसलमान को कुछ ना कुछ दान करने को कहा गया है।
हिजरी कैलेंडर के अनुसार शव्वाल के पहले दिन इस त्यौहार को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। या महीना चांद देखने के के साथ शुरु होता है इस तरह रमजान आखरी दिन चांद देखने के बाद आखिरी दिन ईद मनाई जाती है। नबील ने कहा कि पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब ने बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी ऐसी जीत की खुशी में सबका मुंह मीठा कराया गया था। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार हिजरी सवत 2 यानी624 इशवी में पहली बार ईद उल फितर मनाया गया। नबील ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि पिछला सालऔर इस वर्ष में भी रमजान ईद कोरोना का भेंट चढ़ गया उन्होंने रब से दुआ करते हुए कहा कि इस मुसीबत से हम सब भाइयों को निजात दे और पूर्व की भांति अमन चैन और सुकून की जिंदगी गुजरे।