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दरगाह प्रशासन का हाल,आमदनी चालू व्यवस्था ठप,टंकी चालू पानी गुल
ब्यूरो रिपोर्ट:24 पब्लिक न्यूज़
रुड़की। पिरान कलियर विश्व प्रसिद्ध दरगाह साबिर पाक में हर रोज हजारों की संख्या में सभी धर्मों के जायरीन अपनी अपनी मन्नत मुरादे लेकर आते हैं लेकिन दरगाह परिसर में अवस्थाओं का बोलबाला रहता है। देखने में यही लगता हैं कि दरगाह प्रसाशन दरगाह की व्यवस्था को सही करना ही नहीं चाहता। क्योंकि दरगाह साबिर पाक में गुरुवार और शुक्रवार को भारी संख्या में ज़ायरीन अपनी मन्नत मुरादे लेकर कलियर पहुँचते हैं लेकिन यहाँ आने के बाद ज़ायरीनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। दरगाह प्रशासन बाहर से आने वाले ज़ायरीनों के लिए आज तक वजू वह पीने के पानी की व्यवस्था दरुस्त नही कर पाया है वही दरगाह परिसर में लगे फर्स पर पत्थर भीषण गर्मी में तेज धूप होने से आग उगल रहे हैं दरगाह में आस्था रखने वाले ज़ायरीन आग उगल रहे इन पत्थरों के ऊपर से ही नंगे पाव दरगाह साबिर पाक में अपनी अकीदत के फूल चादर चढ़ाकर मन्नत मुरादे मांग रहे हैं।आपको बता दें कि कई घंटे ज़ायरीन तेज धूप होने के बाउजूद भी लाइन में खड़े रहते हैं लेकिन आज तक दरगाह प्रशासन ज़ायरीनों के लिए के तपते पत्थरों पर मैट वह धूप से बचने तक की कोई व्यवस्था नहीं कर पाया है।बीते गुरुवार को जायरीन पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकते रहे वही आज शुक्रवार के दिन जुमे की नमाज में नमाजियों को वजू के लिए पानी तक नहीं मिला आपको बता दें कि दरगाह परिसर में पानी की किल्लत का यह पहला मामला नहीं है गुरुवार और शुक्रवार को दरगाह शरीफ में पीने का पानी और वजू के लिए नमाजियो को पानी नहीं मिलता है स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद भी दरगाह प्रशासन आज तक पानी की किल्लत को दूर नहीं कर पाया है। दरगाह साबिर पाक में ज़ायरीनों द्वारा दानपात्र में लाखों का दान आता है और यही नहीं करोड़ों रुपए के दरगाह प्रशासन सालाना दरगाह के ठेके भी होते है लेकिन करोड़ों रुपये की कमाई होने के बाद भी बरसों से चली आ रही ज़ायरीनों की परेशानियों को आज तक दरगाह प्रबंधतंत्र दुरुस्त नहीं कर पाया है। आलम यह है कि दरगाह प्रबंधक ने दरगाह परिसर में जगह जगह पर लोडीस्पीकर लगाकर ज़ायरीनों से दान का पैसा दानपात्र में डालने के लिए तो कहा जा रहा है लेकिन जो ज़ायरीन दरगाह में दान दे रहे हैं उनके लिए दरगाह प्रशासन पीने वह वजू के पानी तपते पत्थर के लिए मैट वगेरा की व्यवस्था कराने में पूरी तरीके से नाकाम साबित हो रहा है।