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आप पार्टी की रोजगार गारंटी यात्रा में दिहाड़ी पर आए मजदूरों को नहीं मिला पैसा,ढूंढते रहे मजदूर नेता जनसभा से हुए रफूचक्कर
ब्यूरो रिपोर्ट: 24 पब्लिक न्यूज़
रुड़की। उत्तराखंड 2022 के विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव मैदान में उतर चुकी है। वही पहली बार उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ने जा रही है जिसको लेकर आम आदमी पार्टी भी अपनी तैयारियों में जुटी हुई है। वही शनिवार को आप नेता कर्नल अजय कोठियाल ने रुड़की में रोजगार गारंटी यात्रा निकाली लेकिन आप की यह यात्रा फ्लॉप साबित हुई। क्योंकि बहुत कम संख्या में कर्नल कोठियाल को लोग सुनने के लिए पहुँचे थे।और जो लोग यात्रा में पहुंचे वह भी दिहाड़ी पे बुलाये गए थे।जो आप नेता मजदूरों को दिहाड़ी पे लाये थे वो नेता मजदूरों को बिना दिहाड़ी दिये ही सभा से रफूचक्कर हो गए नेताओं को दिहाड़ी पर आये मजदूर ढूंडते रहे। वही इस दौरान रोजगार गारंटी यात्रा रुड़की के मच्छी मौहल्ले से लेकर रुड़की टॉकीज तक निकाली गई और एक जनसभा को कोठियाल ने सम्बोधित किया। अजय कोठियाल ने कहा कि दिल्ली की तर्ज पर उत्तराखंड में काम किये जायेंगे ताकि राज्य का विकास हो सके।कोठियाल ने कहा कि उत्तराखंड में काम करने का जज्बा होना चाहिए पहाड़ और प्लेनवाद नही क्योंकि हर जगह तो इंसान ही रहते है लेकिन आप पार्टी उत्तराखंड में काम करके दिखाएगी जो वादे जनता के साथ किये जा रहे हैं उन वादों पर आप पार्टी पूरा भी करके दिखाएगी। लेकिन सवाल यह भी उठना लाजिमी है की जो वादे कर्नल अजय कोठियाल जनता से कर रहे हैं। क्या वह 2022 के विधानसभा चुनाव मजदूरों के सहारे ही जीत पाएगी क्योंकि आप नेता की सभा में क्षेत्रीय जनता का ना पहुंचना आम आदमी पार्टी के लिए निराशाजनक माना जा रहा है। क्योंकि जिन मजदूरों को आम आदमी पार्टी के नेता जनसभा में लेकर पहुंचे उन्हें दिहाड़ी दिए बिना ही सभा से निकल लिए। जो पार्टी गरीब लोगों के हक की लड़ाई लड़ने का दावा कर रही है उसी पार्टी के नेता दिहाड़ी मजदूरों को पैसे भी नहीं दे पाए। वही रविवार को पिरान कलियर विधानसभा में होने वाली यात्रा वह जनसभा में भी क्या मजदूरों का ही सहारा लिया जाएगा।जिस तरह शनिवार को रुड़की मैं दिहाड़ी पर मजदूरों को लाकर भीड़ दिखाने की कोशिश की गई। क्या यही काम पिरान कलियर विधानसभा में भी किया जाएगा यह तो आने वाला कल ही बताएगा लेकिन आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दिहाड़ी पर लाए गए मजदूरों का पैसा ना देकर यह दिखा दिया है की आम आदमी पार्टी गरीब मजदूर की लड़ाई लड़ने का भले ही दावा कर रही है लेकिन धरातल पर कुछ और ही नजर आ रहा है।