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कोरोना की दूसरी लहर के बाद आएगी तीसरी लहर, क्या तीसरी लहर बच्चों के लिए होगी खतरनाक
ब्यूरो रिपोर्ट: 24 पब्लिक न्यूज़
देश में कोरोना की दूसरी लहर युवाओं पर कहर ढा रही है कोरोना का कहर लगतार जारी है बीते 24 घंटे में महामारी की चपेट में देश के 4,14,188 लोग आए हैं जिसके बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 2,14,91,598 हो चुकी है। वहीं 3,915 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 2,34,083 हो गई है इस दूसरी लहर में देश की युवा पीढ़ी सबसे अधिक संक्रमित हो रही है। इससे पहली लहर के दौरान कोरोना ने बुजुर्गों को अपने संक्रमण की चपेट में लिया था अभी दूसरी लहर का आतंक खत्म भी नही हुआ इसी बीच कोरेना संक्रमण की तीसरी लहर की चिंता लोगों को सताने लगी है इस लहर में 6 से 12 साल के बच्चों को ज़्यादा खतरा बताया गया हैं।
महाराष्ट्र बन सकता है तीसरी लहर का केंद्र
मीडिया रिपोर्ट में आ रही खबरों की मानें तो, कोरोना वायरस की तीसरी लहर की शुरुआत भी महाराष्ट्र से ही हो सकती है. हालांकि, तीसरी लहर की शुरुआत को लेकर विशेषज्ञ एकमत नहीं हैं. खबरों की मानें तो जुलाई से सितंबर महीने के बीच कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत हो सकती है. तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए महाराष्ट्र में सरकारी स्तर पर अभी से ही तैयारी शुरू कर दी गई है। पिछले दिनों इंडियन एक्सप्रेस ने इस बाबत खबर दी थी इंडियन एक्सप्रेस ने कहा था कि बृहन् मुंबई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (बीएमसी) शिशु कोविड केयर फैसिलिटी स्थापित करने की योजना तैयार कर रहा है। ताकि तीसरी लहर के दौरान संक्रमित बच्चों को समुचित चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराई जा सके इसके अलावा, बीएमसी की ओर से उन बच्चों के लिए एक क्रेच का नेटवर्क भी तैयार किया गया है जिनके माता-पिता कोरोना शहर के विभिन्न कोविड केयर सेंटर में इलाजरत हैं।
तीसरी लहर को देखते हुए बच्चों के लिए वैक्सीन विकसित करना बहुत जरूरी
अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया ने पिछले दिनों संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ नितिन शिंदे के हवाले से एक खबर छापी थी। पेपर ने कहा था कि ऐसे समय में शिशुओं के लिए वैक्सीन विकसित करना बेहद महत्वपूर्ण है. यदि वैक्सीन विकसित नहीं किया गया, तो तीसरी लहर के दौरान बड़े पैमाने पर 18 साल के कम उम्र के बच्चे संक्रमण के शिकार होने की संभावना है। देश में 0-18 साल तक के उम्र की आबादी कुल आबादी का 30% है. इस आबादी में वायरस से लड़ने वाली हर्ड इम्यूनिटी तब तक तैयार नहीं हो सकती जब तक इनको वैक्सीन नहीं दिया जाता है।बयदि वैक्सीनेशन नहीं होगा तो तीसरी लहर में बच्चे ही इंफेक्शन के कैरियर बनते नजर आयेंगे और दूसरों को संक्रमित करेंगे। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ऐसी वैक्सीन के पीडिएट्रिक ट्रायल में ज़्यादा समय नहीं लगेगा सरकार से ग्रीन सिग्नल मिल जाए, तो 90 दिन के अंदर बच्चों के लिए वैक्सीन रोल आउट हो सकती है। इसके लिए को-वैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के पास अप्लीकेशन भी देने का काम कर चुकी है।