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क्या बच्चों और किराए के लोगों से आप पार्टी की लगेगी नैया पार, क्षेत्र की जनता कह रही ऐसा प्रत्याशी ना बाबा ना बाबा
ब्यूरो रिपोर्ट:24 पब्लिक न्यूज़
रुड़की। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां अपनी अपनी चुनावी जमीन तैयार करने में जुटी हुई हैं। वही उत्तराखंड में पहली बार चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी भी जीत का दम भर रही हैं।लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आरही है। क्यूंकि हरिद्वार जिले में आम आदमी पार्टी को अभी तक कोई भी ऐसा प्रत्याशी नहीं मिला है जो विधानसभा चुनाव में पार्टी की नैया पार लगा सकें।वहीं अगर बात की जाए पिरान कलियर विधानसभा से आम आदमी पार्टी के विधानसभा प्रभारी इंजीनियर शादाब आलम की तो वह भी अपनी जीत का सपना सजाए जनता को लुभाने का काम कर रहे हैं।
लेकिन आप पार्टी के विधानसभा प्रभारी जनता के दिल में अपनी जगह बनाने में पूरी तरह फैल नजर आरहे हैं। क्यूंकि सीएम चेहरे से लेकर दिल्ली के कैबिनेट मंत्री भी शादाब आलम के लिए पिरान कलियर विधानसभा में रोड शौ से लेकर जनसभाएं कर चुके हैं।लेकिन शादाब आलम रोड शौ से लेकर जनसभाओं में लोगों की भीड़ जुटाने में नाकाम साबित हुए हैं। इससे पता चलता है कि जनता शादाब आलम को कितना चाहती हैं। कलियर विधानसभा में स्थानीय और बाहरी का मुद्दा भी बड़ी बात है। आपको बतादे कि काशीपुर से आकर पिरान कलियर विधानसभा में अपनी किस्मत आजमा रहे शादाब आलम भले ही अपनी जीत का दम भर रहे हो लेकिन हकीकत कुछ और ही है। शादाब आलम अभी तक कलियर विधानसभा के लोगों में अपनी पहचान तक नहीं बना पाए हैं। कलियर विधानसभा की जनता बिना जनाधार वह बाहरी प्रत्याशी पर विश्वास कर पाएगी या नहीं यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन अगर पूर्व के चुनाव की बात कि जाए तो उसमें तीन पार्टी ही टक्कर में रहती है कांग्रेस बीजेपी बीएसपी इन तीनों के बीच पिरान कलियर विधानसभा का चुनाव सिमट कर रह जाता है। तो क्या ऐसी सीट पर आम आदमी पार्टी ने बिना जनाधार वह बाहरी व्यक्ति को विधानसभा प्रभारी बनाकर कोई भूल तो नहीं की है। इस बारे में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल वह उत्तराखंड सीएम उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल को सोचना चाहिए। जो व्यक्ति जनसभाओं में लोगों की भीड़ जुटाने में ही फैल साबित हो रहा हैं और जिस आदमी को विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ता ही ना मिल रहे हो वह व्यक्ति कैसे चुनाव जीत पाएगा यह क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। आप पार्टी ने भले ही उत्तराखंड में सरकार बन्ने पर तीन सौ यूनिट बिजली फ्री वह पांच हजार रुपये महंगाई भत्ता और तीरथ यात्रा फ्री के सपने जनता को दिखाए हो।लेकिन इन सबके साथ साथ क्षेत्रीय और जनाधार वाला प्रत्याशी भी होना चाहिए तभी जाकर आम आदमी पार्टी की उत्तराखंड में सीट निकल सकती है। पार्टी के आलाकमान भी भली भांति जानते हैं कि चुनाव किराए के कार्यकर्ताओं से नहीं जीता जा सकता है। क्योंकि जिस सीट पर मोदी जैसी लेहर में बीजेपी प्रत्याशी नहीं जीत पाए हो उस सीट पर बिना जनाधार वह बाहरी व्यक्ति किस तरह जीत सकता है। कलियर विधानसभा क्षेत्र की जनता में यह चर्चा का बाजार बहुत गरम है कि आप पार्टी का यह प्रत्याशी चार पांच सौ वोट ही काट सकता है इससे ज्यादा वोट नहीं मिल सकते है। तो क्या ऐसे प्रत्याशी के बल पर आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में सरकार बनाने का सपना देख रही है। तो क्या आप पार्टी क्षेत्र के बिना जनाधार वह बाहरी प्रत्याशी के बल पर उत्तराखंड में सरकार बना पाएंगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा।